TET परीक्षा जनवरी में, जानिए और क्या है खास
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ब्यूरो / अमर उजाला, लखनऊ
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) जनवरी 2015 में कराई जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर परीक्षा की तैयारियों पर आने वाले खर्च का ब्यौरा मांगा है।
वहीं बीएड 2014-15 की खाली 58 हजार से ज्यादा सीटें सीधे भरे जाने की मांग शासन ने खारिज कर दी है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा कल्पना अवस्थी ने कहा है कि सीटें भरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दूसरे चरण की काउंसलिंग हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी लेकिन खाली सीटों को भरे जाने से संबंधित कोई और आदेश नहीं पारित किया गया था।
बीएड की खाली सीटें भरने जाने की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश स्व वित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी और राजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा से लखनऊ में मुलाकात की।
मांग खारिज करते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2015-16 की एडमिशन प्रक्रिया सही ढंग से पूरी कराई जाएगी।
इस पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि बीएड, एमएड आदि में सिंगल एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए, ताकि शैक्षिक सत्र को नियमित किया जा सके।
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ब्यूरो / अमर उजाला, लखनऊ
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) जनवरी 2015 में कराई जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर परीक्षा की तैयारियों पर आने वाले खर्च का ब्यौरा मांगा है।
वहीं बीएड 2014-15 की खाली 58 हजार से ज्यादा सीटें सीधे भरे जाने की मांग शासन ने खारिज कर दी है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा कल्पना अवस्थी ने कहा है कि सीटें भरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दूसरे चरण की काउंसलिंग हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी लेकिन खाली सीटों को भरे जाने से संबंधित कोई और आदेश नहीं पारित किया गया था।
बीएड की खाली सीटें भरने जाने की मांग को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश स्व वित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी और राजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा से लखनऊ में मुलाकात की।
मांग खारिज करते हुए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2015-16 की एडमिशन प्रक्रिया सही ढंग से पूरी कराई जाएगी।
इस पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि बीएड, एमएड आदि में सिंगल एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए, ताकि शैक्षिक सत्र को नियमित किया जा सके।
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