भर्तियों में लापरवाही से सीएम खफा
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लखनऊ। खाली पदों को भरने में विभागों की लापरवाही से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खफा हैं। उन्होंने कार्मिक विभाग से जानकारी मांगी है कि अब तक किस महकमे ने कितने पदों को भरने की कार्यवाही की और कितने पद खाली हैं। मुख्यमंत्री की प्रमुख सचिव अनीता सिंह ने दो सप्ताह में इसका विस्तृत ब्यौरा तलब किया है।
सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ने विभागों को आदेश दिया था कि वे समय सारिणी बनाकर भर्तियां शुरू करें। उनके निर्देश पर प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक राजीव कुमार ने कहा था कि विभाग चरणबद्ध तरीके से नई भर्ती करने के लिए अपने प्रस्ताव भेजें। विभाग यह भी देख लें कि पूर्ण क्षमता के साथ काम करने के लिए कितने पदों की जरूरत है। वर्तमान में स्थिति यह है कि दो साल में ग्राम विकास अधिकारी के 3328 पद रिक्त हुए, जबकि पशु विभाग में वेटनरी अफसर के 148 व पशुधन अधिकारी के 198 पद रिक्त हैं। वेटनरी फार्मासिस्ट, पशुधन प्रसार अधिकारी, ट्रैक्टर चालक, प्रयोगशाला सहायक और चौकीदारों भरने की प्रक्रिया हिचकोलें खा रही है। ऐसी ही स्थिति वन विभाग में 1400 से अधिक तृतीय श्रेणी की भर्तियों को लेकर है।
समाज कल्याण विभाग में सहायक विकास अधिकारी, कनिष्ठ लिपिक, आशुलिपिक और ग्राम विकास अधिकारियों की भर्ती की जानी है। लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता, सहायक अभियंता, मानचित्रकार और मेट के सैकड़ों पद खाली हैं। सिंचाई, कृषि, राजस्व, पंचायतीराज, शिक्षा और गृह विभाग की भी ऐसी ही स्थिति है
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लखनऊ। खाली पदों को भरने में विभागों की लापरवाही से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खफा हैं। उन्होंने कार्मिक विभाग से जानकारी मांगी है कि अब तक किस महकमे ने कितने पदों को भरने की कार्यवाही की और कितने पद खाली हैं। मुख्यमंत्री की प्रमुख सचिव अनीता सिंह ने दो सप्ताह में इसका विस्तृत ब्यौरा तलब किया है।
सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ने विभागों को आदेश दिया था कि वे समय सारिणी बनाकर भर्तियां शुरू करें। उनके निर्देश पर प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक राजीव कुमार ने कहा था कि विभाग चरणबद्ध तरीके से नई भर्ती करने के लिए अपने प्रस्ताव भेजें। विभाग यह भी देख लें कि पूर्ण क्षमता के साथ काम करने के लिए कितने पदों की जरूरत है। वर्तमान में स्थिति यह है कि दो साल में ग्राम विकास अधिकारी के 3328 पद रिक्त हुए, जबकि पशु विभाग में वेटनरी अफसर के 148 व पशुधन अधिकारी के 198 पद रिक्त हैं। वेटनरी फार्मासिस्ट, पशुधन प्रसार अधिकारी, ट्रैक्टर चालक, प्रयोगशाला सहायक और चौकीदारों भरने की प्रक्रिया हिचकोलें खा रही है। ऐसी ही स्थिति वन विभाग में 1400 से अधिक तृतीय श्रेणी की भर्तियों को लेकर है।
समाज कल्याण विभाग में सहायक विकास अधिकारी, कनिष्ठ लिपिक, आशुलिपिक और ग्राम विकास अधिकारियों की भर्ती की जानी है। लोक निर्माण विभाग में अवर अभियंता, सहायक अभियंता, मानचित्रकार और मेट के सैकड़ों पद खाली हैं। सिंचाई, कृषि, राजस्व, पंचायतीराज, शिक्षा और गृह विभाग की भी ऐसी ही स्थिति है
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