इंटर कॉलेजों के 2448 तदर्थ शिक्षक होंगे नियमित
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य सरकार सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में वर्ष 2000 तक रखे गए तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी में है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसके मुताबिक करीब 2448 शिक्षकों को नियमित किया जाना है। अभी तक इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर वेतन मिल रहा है।
प्रदेश में इसके पहले वर्ष 1998 और 2000 में 6 अगस्त 1993 तक के तदर्थ के आधार पर रखे गए शिक्षकों को नियमित किया जा चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इसके बाद से लेकर वर्ष 2000 तक रखे गए 2448 तदर्थ शिक्षकों को नियमित करना चाहता है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें तर्क दिया गया है कि चूंकि सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत है और ये शिक्षक हाईकोर्ट के आदेश पर स्थायी शिक्षकों के समकक्ष वेतनमान पा रहे हैं, इसलिए इन्हें नियमित कर दिया जाए। इनके नियमित होने पर राज्य सरकार के ऊपर अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन के सहमत होने के बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराना होगा।
शिक्षक संघ चाहता है कि सभी हों नियमित ः
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चाहता है कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 6 अगस्त 1993 के बाद से अब तक जितने भी तदर्थ शिक्षक रखे गए हैं उन्हें नियमित किया जाए। संघ के प्रदेश प्रवक्ता आरपी मिश्रा कहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 2011 तक के शिक्षकों को नियमित करने पर सहमति भी बन चुकी है। इसलिए शासन स्तर पर सभी तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का निर्णय लिया जाए। इससे शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी और सरकार को मुकदमेबाजी पर पैसे भी खर्च नहीं करने होंगे
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य सरकार सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में वर्ष 2000 तक रखे गए तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी में है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसके मुताबिक करीब 2448 शिक्षकों को नियमित किया जाना है। अभी तक इन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर वेतन मिल रहा है।
प्रदेश में इसके पहले वर्ष 1998 और 2000 में 6 अगस्त 1993 तक के तदर्थ के आधार पर रखे गए शिक्षकों को नियमित किया जा चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इसके बाद से लेकर वर्ष 2000 तक रखे गए 2448 तदर्थ शिक्षकों को नियमित करना चाहता है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें तर्क दिया गया है कि चूंकि सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत है और ये शिक्षक हाईकोर्ट के आदेश पर स्थायी शिक्षकों के समकक्ष वेतनमान पा रहे हैं, इसलिए इन्हें नियमित कर दिया जाए। इनके नियमित होने पर राज्य सरकार के ऊपर अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन के सहमत होने के बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराना होगा।
शिक्षक संघ चाहता है कि सभी हों नियमित ः
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चाहता है कि सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 6 अगस्त 1993 के बाद से अब तक जितने भी तदर्थ शिक्षक रखे गए हैं उन्हें नियमित किया जाए। संघ के प्रदेश प्रवक्ता आरपी मिश्रा कहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली की अध्यक्षता में हुई बैठक में वर्ष 2011 तक के शिक्षकों को नियमित करने पर सहमति भी बन चुकी है। इसलिए शासन स्तर पर सभी तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने का निर्णय लिया जाए। इससे शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी और सरकार को मुकदमेबाजी पर पैसे भी खर्च नहीं करने होंगे
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