News : मोदी ही सुभाष चंद्र बोस बन सकते हैं: निज़ामुद्दीन
"मोदी इज़ अ गुड फ़ेलो", ये कहना था एक ज़माने में आज़ाद हिंद फ़ौज में काम कर चुके 'कर्नल' निज़ामुद्दीन का.
आठ मई को बनारस में हुई अपनी चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी ने मंच पर झुककर निज़ामुद्दीन के पैर छुए थे.
क्लिक करें नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था, "मुझे बताया गया कि कर्नल निज़ामुद्दीन अब 103 वर्ष के हो चले हैं. वो यहाँ आए इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूँ"
उनके बेटे शेख़ अकरम ने कहा, "वालिद साहब जब भी टेलीविज़न देखते हैं तो कहते हैं अगर कोई भी नेता, नेताजी की तरह है तो वे नरेंद्र मोदी हैं. इसलिए हम मोदी की रैली में पहुंचे थे".
बात के बीच में ही 'कर्नल' निज़ामुद्दीन बोल बैठे, "सिर्फ़ मोदी ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस बन सकता है".
फ़िलहाल जो बातें साफ़ तौर पर दिखाई देती हैं उनमें सबसे अहम ये है कि 'कर्नल' निज़ामुद्दीन और नरेंद्र मोदी का एक मंच पर साथ आना महज़ इत्तेफ़ाक़ से कहीं ज़्यादा है.
शायद निज़ामुद्दीन का सार्वजनिक तौर पर पैर छूने से नरेंद्र मोदी ये भी संदेश देना चाहते हैं कि उनके लिए स्वतंत्रता सेनानी की जाति या मज़हब मायने नहीं रखता और वे सभी को बराबर देखते हैं.
बनारस में अपने नामांकन के समय पंडित छन्नू लाल मिश्र से लेकर स्वतंत्रता सेनानी 'कर्नल' निज़ामुद्दीन तक के पैर छूने तक मोदी ने एक लंबा सफ़र ज़रूर तय कर लिया है
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वालिद साहब जब भी टेलीविज़न देखते हैं तो कहते हैं अगर कोई भी नेता, नेताजी की तरह है तो वे नरेंद्र मोदी हैं"
शेख अकरम, 'कर्नल' निज़ामुद्दीन के पुत्र
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